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Forum Posts

abhishek bagra
Author of the Month
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Aug 09, 2024
Safar aur Safarnama content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Oct 07, 2022
In Writing
हाँ माना सिर पर है चूल कम मेरे ; मगर सिर्फ इस बात पर, नाजाने गौर तुम हो क्यों कर रहे  ? माना दाग हैं चेहरे पर मेरे ; मगर खयालों को अपने तुम, बेदाग क्यों न हो रख रहे ? के रूप तो , तुम्हारा भी, एक दिन ढल ही जाएगा ! तो फिर, रूह को अपनी तुम , क्यों यूँ खराब हो कर रहे ? हाँ सो है गलतियां मुझमें ! मगर सिख कर ज़िंदगी से , इनमें सुधार में तो ले आऊँगा । सोचो तुम अपनी की ; जब, न रहेंगी ज़्यादा गलतियाँ मुझमें , तो, तुम क्या कमी बताओगे ? वक़्त की जो यह धूप है ; जलता उसमें तो, सिर्फ यह रूप है । पर रूह तो ,इसकी कैद से; हर पल ही सदा आज़ाद है। आज़ाद रूह पर सवाल कर ; यूँ न खड़ी करो तुम जंजीरों  को ! के वक़्त बदला अगर ; तो कहीं तुम ही, इनका शिकार बनते हुए ; पाओगे खुद ही को । तो बस रूह को अपनी, आज़ाद कर तुम चलते रहो । राही बन बस, खुद की खोज में तुम चलो । के खुदा जब, कटघरे में खड़ा कर ; तुमसे, सवाल करता जाएगा । तब जवाब दे सको उन्हें  ! बस इस लायक तुम बनो । बस इतने लायक तुम बनो ।। ©FreelancerPoet
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abhishek bagra
Author of the Month
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Sep 14, 2022
In Writing
झूठ .... कभी दूसरों के, तो कभी खुद के खातिर ; हाँ , मैंने भी झूठ बोला है ! के सच सुन सके , ऐसी, हर किसी में वो बात कहाँ । यह दुनिया व्यस्त है ,भागने-दौड़ने में । के दो पल ठहर कर , पूरी बातें सुन-समझ सके ; अब वो रिवाज़ जीवित है कहाँ । यूँ झूठ तो , मैं भी, कहना नहीं चाहता हूँ ! मगर, सच की कड़वाहट सेह सके अब रिश्तों में, वो बात कहाँ । रिश्तों में अब, वो बात कहाँ ।। ©FreelancerPoet
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abhishek bagra
Author of the Month
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Aug 30, 2022
In Writing
औरों की बात पर, इतना भी गौर न कर; के तेरे सपने , हकीकत होने की आस में है ! नज़रों को अपनी, तू बस,अपनी राह पर टिका कर रख; के तेरी मंज़िल, तेरे ही तलाश में है । तो यह आवाज़ें , जो तेरी राह से कोसों दूर हैं , इन्हें, अनसुना कर, तू बस सफर पर अपने चल । के जिस आवाज़ की तलाश है तुझे , वो आवाज़ कहीं और नहीं ! तेरी ही सफर में , तेरे इंतेज़ार में हैं । वो आवाज़ कहीं और नहीं ! तेरे ही सीने में , तेरे पास में है । ©FreelancerPoet
आवाज़  content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Aug 21, 2022
In Writing
अपने टूटे टुकड़ों को देखकर कभी, खुद पर तरस मत खाना ! बस इन्हें , बड़े प्यार से, बहुत संभाल कर, इक्खट्टा करना । ज़रा ज़ोर देने इन पर , और मेहनत और वक़्त के ताप से ; अपने उन हिस्सों को , जिनके यह टुकड़े बिखरे मिले हैं तुम्हें , उन्हें, फिरसे पूरा कर के दिखाना । अपने टुकड़ों पर तरस खाकर , बेचारा मत बनना ! बस ज़िंदगी में, खुद पर मेहनत करना । खुद पर निरंतर, मेहनत करते रहना ।। ©FreelancerPoet
Toote tukde content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Aug 19, 2022
In Writing
मैंने आसमान में , चाँद और सितारों को देखा है । मैंने आसमान में , टूटते तारों को देखा है । कभी आसमान को , चाँद और सितारों से भरा हुआ ! कभी सिर्फ चाँद को , कभी खाली आसमान देखा है । मगर, जब भी देखा है आसमान को , एक खूबसूरत नज़ारा, मैंने हर बार देखा है । मैंने आसमान में , चाँद और सितारों को देखा है ।। ©FreelancerPoet ------------------------------ We all go through different phases of life just like the very sky whose beauty we enjoy as it shows us different visuals on different days . So if we can enjoy the beauty of sky why not enjoy the beauty of our life as well ? ©FreelancerPoet ------------------------------
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 30, 2022
In Writing
तौफा ज़ख्मों का, वो दे गया ; जिससे, वफ़ा माँगी थी हमने । खुदा माना था जिसे ; वो, जहँनूम में छोड़ कर गया । मगर, जो तजुर्बा हमें इससे मिला , इसके लिए खुदा, तेरा शुक्रिया । हम तो यूहीं बेवज़ह , भटकते मुसाफिर थे यहाँ । मगर, हमें जीने की वजह जो दे कर गया ; इसके लिए खुदा, उसका शुक्रिया । जो खो गया, उसका अब ग़म नहीं ; की, जो मिला इस सिलसिले से, वो था कम नहीं ! जो भी मिला, उसके लिए ख़ुदा, तेरा शुक्रिया । जो भी हुआ, उसके लिए, ख़ुदा तेरा शुक्रिया ।। ©FreelancerPoet
Shukriya content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 27, 2022
In Writing
Bad-dua ho tum content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 27, 2022
In Writing
Humein jeena hai content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 19, 2022
In Writing
धन्यवाद करें.... घर को ज़माने से बचाए रखते हैं जो ! अपने बच्चों कि हर ख्वाहिश , हर कीमत पर ,पूरी करने की कोशिश करते हैं जो ; आओ, आज उनके साथ, दो पल तो बिताएं ! उन्हें, हम गले लगाकर, धन्यवाद करें । जिनसे, अक्सर बातें छुपाते हैं हम ; जिनके डर से, भागते हुए घर लौट आते हैं हम ; उन्हें, प्यार से, शुक्रिया हम करें । उनके, बेशुमार प्यार के खातिर , उनके, किए कई बलिदानों के खातिर ; आओ, उन्हें हम धन्यवाद करें । उन्हें, हम धन्यवाद करें ।। ©FreelancerPoet ---------------------------------------------------------- We often express our love and gratitude to other members of the family but are unable to do the same with our father , sometimes for various reasons . So come , let us take a few minutes out today and express our love and gratitude towards our father . #HappyFathersDay #ThankYouPapa
Dhanyawad karein content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 16, 2022
In Writing
One day content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 11, 2022
Chal raha hoon.... content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 08, 2022
In Writing
दो पल में सिर्फ ; कहाँ, किसी से प्यार होता है ! यह असल ज़िन्दगी में नहीं , बस, कहानियों का भाग होता है । कि, असलियत में तो ; पलों की झड़ी, सी लगनी पड़ती है ! कई सिलसिलों की मानों , लड़ी सी लगनी पड़ती है । सिर्फ वो एक मुलाकात में तो, बस किसी से आकर्षण ही होता है ! मगर, आकर्षण तो कई वस्तुओं से भी, होने लगता है ; जीव-जंतुओं से भी, होने लगता है । फिर, कुछ मुलाकातों के बाद , कई सारी, बातों के बाद ; उसके साथ की आदत सी, होने लगती है । उसके न होने से, सीने में , मायूसी की दस्तक होने लगती  है । मगर दिमाग फिर भी ; ज़रा दिल को, संभलने को कहता है । पालतू जानवर की आदत होने पर , उसका साथ न हो जब , तो भी ऐसा सब होता है ! दिमाग, दिल से, बार-बार फिर यह कहता है । तो फिर इस मन मस्तिष्क में, एक जंग सी छिड़ जाती है । वो मेरी सिर्फ एक दोस्त, एक शुभचिंतक है ? या, इससे ज़्यादा ? इसे जानने की, उत्सुतकता सी जग जाती है । फिर, बातों ही बातों में, इशारे दिए जाते हैं ! दोनों तरफ से पैगाम , दिए और लिए जाते हैं । फिर एक दिन, जब थोड़ी बातें लंबी चल जाती है ; " माहौल सही है, दिल की बात कहने को !" दिल से, वो आवाज़ आती है ; तब जाकर सब, कहा-सुना जाता है । और तब तक के लिए जो यह , बेकरारी , बेखयाली रहती है ना ; उसी को, प्यार कहते है ! इतने देर तक, जब वो एहसास बने रहते है ना ; उन्हीं को, प्यार कहते है । वो पल दो पल में, जो कोई पसंद आजाए ; उसे, बस आकर्षण कहते हैं । किसी का साथ खोने के डर को ; बस, उसकी आदत होना कहते है । जो, पल दो पल में होजाए ; उसे, प्यार नहीं ! बल्कि, जिसके लिए, सिलसिलों की ज़रूरत महसूस हो ; उसे, प्यार कहते हैं । इसलिए कहता हूँ मैं ; " दो पल में कहाँ प्यार होता है ?    यह असल जिंदगी में नहीं !    बस कहानियों का, भाग होता है । " ©FreelancerPoet ------------------------------------------------------------- #Poetry #hindi ------------------------------------------------------------- What do you think ? Can Love happen at first sight itself ?
Do pal main kahan pyaar hota hai?? content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 05, 2022
In Writing
#shayari
Sochta hoon  content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 05, 2022
In Writing
नाजाने क्यों .... तेरे न होने का एहसास , नाजाने क्यों, सताने सा लगता है ! भीड़ में होकर भी अक्सर , नाजाने क्यों, तन्हाई का एहसास, सताने सा लगता है । बातें तो, सबसे ही हँस कर किया करता हूँ । पर, जब भी तेरी याद आती है न ; तो नाजाने क्यों, आसुओं का समंदर , तकिए को, भिगोने सा लगता है । रोशनी में, फिर भी , संभाल लेता हूँ खुदको । मगर, अंधेरों में नाजाने क्यों ? बस, तेरी ही यादों में डूबने का मन , होने सा लगता है । और कभी-कभी नाजाने क्यों, मगर ; इस शायर का मन, बस इन खयालों में खोजाने का , होने सा लगता है । नाजाने क्यों, ऐसा होने लगता है ? नाजाने क्यों, ऐसा होने लगता है ।। ©FreelancerPoet ------------------------------------------------------- Song to read : Sun raha h na tu it out with : ( Aashiqui 2) #shayari #love ------------------------------------------------------- Feedbacks are most welcome 🤗
Najane kyun .... content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 04, 2022
In Writing
#motivation #NothingIsImpossible #EverythingImaginable #IsPossible
Namumkin hai kuch nahin content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 03, 2022
In Writing
तुझको लड़ना है..... टूटने, गिरने से, इतना भी क्यों डरना है ? ज़िंदगी एक जंग है ! इसलिए ज़रूरी है , कि, मैदान में उतरे तू ; क्यों कि, तुझको तो लड़ना है । जीत का, या हार का , तुझको, क्या ही करना है ? लहू जब तक लाल है तेरा ; तुझको तो लड़ना है । खुद से, खुद के ही खातिर , युद्ध तुझको करना है । रगों में ज़िद्द है तेरी ! लहू बहने से, फिर क्यों इतना डरना है ? ज़िंदा है जब तक तू ; तुझको तो लड़ना है । खामोशी से, मौत का इंतज़ार ; तुझको क्यों करना है ? खुदसे किए वचन के खातिर दहाड़ ज़ोर-ज़ोर से भर ! और बस इतना सा याद रख  ; तुझको तो लड़ना है । तुझको तो लड़ना है ।। ©FreelancerPoet #motivation
Tujhko Ladna hai... content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 03, 2022
In Writing
शोर .... है शोर ही शोर है चारों ओर ; मदहोशी सी धुन, फैली है घनगोर । जहाँ, सन्नाटे सी चुप्पी है होटों पर ! पर, नज़रों से सब, कह देते हैं लोग। है शोर ही शोर है चारों ओर ; मदहोशी सी धुन, फैली है घनगोर । गुप-चुप, चुप-चुप रहते हैं अब सीने में ; मुझमें ही बंध, मेरे, यह मन के बोल ! बड़े प्यार से फिर, टटोलता हूँ सीने को ; की हिम्मत मिले इन्हें, और उमड़ पड़े यह बोल । पर, फिर चुप-चुप सा हो जाता हूँ । कि, गुम न हो जाए, मेरे यह बोल ; उसमे, जो है फैला चारो ओर । है शोर ही शोर है चारों ओर ; मदहोशी सी धुन, फैली है घनगोर । है, शोर ही शोर है, चारों ओर । है, शोर ही शोर है, चारों ओर ।। ©FreelancerPoet -------------------------------------------------------------- Song : Aur Ho ( Movie : Rockstar) --------------------------------------------------------------- Note: To enjoy the poem you may read it while listening to the mentioned song. -------------------------------------------------------------- The stares which we get for no reason often hit us hard and at times even lead us to loosing our voice . Whether it be in form of the everyday affair of a women walking past a street , or a man just doing what he loves and enjoying himself without doing the "manly" stuffs or acting "manly" . #NoToStares #NoStares #LetsTalkAboutIt -------------------------------------------------------------- Feedbacks are most welcome
Shor content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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Jun 02, 2022
In Writing
#Note : Kindly provide an advance notice before your visit to avoid the visuals of a messed up place. 😉 #KehDena
Keh dena content media
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abhishek bagra
Author of the Month
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May 27, 2022
The unwanted piece content media
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abhishek bagra

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